पर शायद कभी ना मिलो और ये प्यार कम हो जाए ये जरूरी नहीं। पर शायद कभी ना मिलो और ये प्यार कम हो जाए ये जरूरी नहीं।
पास जाऊँ तो भी नहीं पहचानती है, वो पगली मेरी चाहत नहीं जानती है...। पास जाऊँ तो भी नहीं पहचानती है, वो पगली मेरी चाहत नहीं जानती है...।
पर तब ना ये बात होगी, ना मुलाक़ात होगी, बस अपनी बात तेरे आँचल में ही भिगो जाऊँगा एक दिन...! पर तब ना ये बात होगी, ना मुलाक़ात होगी, बस अपनी बात तेरे आँचल में ही भिगो जाऊ...
क्या बताए आपको एक अधूरा सा प्यार मुझे भी हुआ था...! क्या बताए आपको एक अधूरा सा प्यार मुझे भी हुआ था...!
मोहब्बत में गिर गये हम इतना क्यूँ ऐ सनम, की कमाया हुआ मगरूर बरसों का, सारा तुझपे खर्च कर दिया! मोहब्बत में गिर गये हम इतना क्यूँ ऐ सनम, की कमाया हुआ मगरूर बरसों का, सारा तुझपे...
अंजान होंगे जब हम, कोई अजनबी होगा! अंजान होंगे जब हम, कोई अजनबी होगा!